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शनिवार, 15 सितंबर 2012

आज मैं अकेला हूँ (Aaj main akela hoon by Trilochan)



आज मैं अकेला हूँ
अकेले रहा नहीं जाता 

जी व न मि ला है य ह 
र त न मि ला है य ह 
धूल में
       कि 
          फूल में
मिला है 
         तो 
            मिला है यह
मो ल - तो ल इ स का
अ के ले क हा न हीं जा ता

सु ख आ ये दु ख आ ये 
दि न आ ये रा त आ ये
फूल में
        कि 
           धूल में
आये 
       जैसे 
             जब आये
सु ख दु ख ए क भी 
अ के ले स हा न हीं जा ता 

च र ण हैं च ल ता हूँ 
च ल ता हूँ च ल ता हूँ 
फूल में 
        कि
            धूल में
च ला ता 
          मन 
              चलता हूँ
ओ खी धा र दि न की 
अ के ले ब हा न हीं जा ता  


कवि - त्रिलोचन 
संकलन - प्रतिनिधि कविताएँ में 'धरती' से 
प्रकाशक - राजकमल प्रकाशन, दिल्ली, पेपरबैक्स, 1985


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