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शनिवार, 5 जनवरी 2013

औरत की ज़िन्दगी (Aurat ki zindagi by Raghuvir Sahay)

कई कोठरियाँ थीं क़तार में
उनमें किसी में एक औरत ले जायी गयी
थोड़ी देर बाद उसका रोना सुनाई दिया

उसी रोने से हमें जाननी थी एक पूरी कथा
उसके बचपन से जवानी तक की कथा
                              
                (1972)
कवि - रघुवीर सहाय 

संकलन - रघुवीर सहाय : प्रतिनिधि कविताएँ 

संपादक - सुरेश शर्मा 

प्रकाशक - राजकमल पेपरबैक्स, दिल्ली, पहला संस्करण - 1994




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