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मंगलवार, 25 मार्च 2014

अपना यह देश है महान (Apna yah desh hai mahan by Nagarjun )


अपना यह देश है महाSSन !
जभी तो यहाँ चल रहा भेड़िया धसाSSन !
शब्दों के तीर हैं जीभ है कमाSSन !
सीधे हैं मजदूर और बुद्धू हैं किसाSSन !
लीडरों की नीयत कौन पाएगा जाSSन !
अपना यह देश है महाSSन !
                                      -  6.11. 1979




कवि - नागार्जुन 
किताब - नागार्जुन रचनावली, खंड 2
संपादन-संयोजन - शोभाकांत 
प्रकाशक - राजकमल प्रकाशन, दिल्ली, 2003

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