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गुरुवार, 3 अप्रैल 2014

बसन्त -राग (Basant-raag by Sarveshvar Dayal Saxena)



पेड़ों के साथ-साथ 
हिलता है सिर 
यह मौसम अब नहीं 
आयेगा फिर l 



कवि - सर्वेश्वरदयाल सक्सेना
संकलन - कविताएँ-2 
प्रकाशक - राजकमल प्रकाशन, दिल्ली, 1978

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