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शनिवार, 21 मार्च 2015

केवल यही (It's not more by Eliseo Diego translated in Hindi)


कविता कुछ नहीं है 
सिवा एक प्राचीन स्टोव की चढ़ती 
परछाईं में बातचीत के 
जब सब चले गए हों,
और दरवाज़े के बाहर 
अभेद्य वन सरसरा रहे हों। 

कविता केवल कुछ भ्रम है 
जिनसे किसी को प्यार हो,
और जिनका क्रम समय ने बदल दिया हो,
जिनमें कि अब 
केवल एक संकेत,
एक अनभिव्यक्त आशा,
वास करती हो। 

कविता और कुछ नहीं है 
सिवा आनंद के, परछाइयों में 
बातचीत के,
जबकि और सब कुछ विदा ले चुका हो 
और केवल खामोशी हो। 



क्यूबाई कवि - एलिसेओ दिएगो (2.7.1920 - 1.3.1994)
स्पैनिश से अंग्रेज़ी अनुवाद - एलिसेओ दिएगो
अंग्रेज़ी से हिन्दी अनुवाद - सर्वेश्वरदयाल सक्सेना 
संकलन - धूप की लपेट 
संकलन-संपादन - वीरेंद्र जैन 
प्रकाशन - वाणी प्रकाशन, दिल्ली, 2000 

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